विश्व एड्स दिवस पर पुनर्वास केंद्र सरोना में रंगोली और स्लोगन बना कर किया एड्स के प्रति जागरूकता

विश्व एड्स दिवस पर पुनर्वास केंद्र सरोना में रंगोली और स्लोगन बना कर किया एड्स के प्रति जागरूकता

रायपुर/सरोना स्थित गरिमा गृह ( तृतीय लिंग )पुनर्वास केंद्र में आज विश्व एड्स दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस पुनर्वास केंद्र में रहने वाले विद्यार्थियों के द्वारा आकर्षक रंगोली बनाकर तथा स्लोगन लिखकर एचआईवी एड्स के संक्रमण के प्रति जागरूक रहने का संदेश दिया गया. कार्यक्रम के पश्चात एक गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें समुदाय के विभिन्न लोगों ने अपने विचारों को रखा. संस्था के अध्यक्ष विद्या राजपूत ने कहा एचआईवी फैलने के मुख्य रूप से चार कारण है. १ संक्रमित व्यक्ति से असुरक्षित यौन संबंध बनाने से २. संक्रमित माता को होने वाले शिशु से ३. संक्रमित रक्त उत्पाद के प्रयोग से तथा ४. संक्रमित सुई या सिरिंज के प्रयोग से !
उन्होंने उपरोक्त चीजों से बचने का आह्वान किया. संगोष्ठी के अन्य प्रतिभागी संजना ने उन भ्रांतियों के बारे में बताया जो लोगो के दिमाग में कैद हैं. जिनमें से एक है HIV को ही एड्स समझने की भूल। दोनों में क्या अंतर है ? अगली वक्ता प्रियंका राव ने बताया की एड्स को लेकर कई सारे मिथक और गलत जानकारियां भी व्याप्त हैं, जिसे दूर करने और एचआईवी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल दुनियाभर में विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है। इस दौरान लोगों को जानकारी दी जाती है कि इस बीमारी में औसत आयु कम हो जाती है लेकिन पीड़ित सामान्य जिंदगी जी सकता है।हर साल एक तय थीम पर विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है। World Aids Day 2022 की थीम ‘ Equalize’ है। इसका अर्थ है ‘समानता’, यानी समाज में फैली हुई असमानताओं को दूर करके एड्स को जड़ से खत्म करने के लिए कदम बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा।
जागरूकता कार्यक्रम के दौरान पुनर्वास के छात्र-छात्राओं के अलावा शहर से बड़ी संख्या में समुदाय के लोग भी पहुंचे थे..

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