रायपुर। गुढिय़ारी स्थित बिजली दफ्तर का भाजपा कार्यकर्ताओं ने घेराव करते हुए जोरदार प्रदर्शन किया। पूर्व मंत्री राजेश मूणत की अगुवाई में भारतीय जनता युवा मोर्चा के सैकड़ों कार्यकर्ता बिजली दफ्तर पहुंचे। बिजली दफ्तर पर मौजूद पुलिस बल इन कार्यकर्ताओं को रोक न सकी, बैरिकेड तोड़कर तमाम कार्यकर्ता बिजली दफ्तर के भीतर दाखिल हो गए। मूणत ने कहा कि यह जनता का गुस्सा है। बढ़ते बिजली बिल और सुरक्षा निधि के नाम पर की जा रही वसूली की वजह से यह विरोध प्रदर्शन देखने को मिला है । जल्द ही इस संबंध में राहत नहीं दी गई तो जनता का गुस्सा और फूटेगा। वहीं कांग्रेस ने इसे भाजपा का नौटंकी बताया।
आक्रोश काफी ज्यादा था और उग्र नजर आ रहे थे कार्यकर्ता। नारेबाजी करते हुए भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता बैरिकेड तोड़कर गुढिय़ारी के बिजली दफ्तर में तो घुसे ही। अंदर मौजूद मेन गेट पर भी बड़ी तादाद में कार्यकर्ता चढ़ गए। काफी देर तक गेट पर जोर लगाने के बाद लोहे के गेट को तोड़ दिया। जिसकी वजह से पुलिसकर्मियों और भाजपा नेताओं के बीच काफी बहस भी हुई।
वहीं पूर्व मंत्री राजेश मूणत भाजयुमो कार्यकर्ताओं के साथ बिजली दफ्तर के भीतर धरने पर बैठ गए हैं। सुरक्षा निधि वापस दिए जाने की मांग को लेकर उन्होंने धरना दे दिया है। अधिकारियों को ज्ञापन देने के बाद पूर्व मंत्री का काफी देर तक धरना जारी रहा।प्रदर्शन को लेकर राजेश मूणत ने बताया था कि पूरे प्रदेश में बिजली में मनमानी कटौती हो रही है। जनता बिजली बिल में बढ़ोतरी, सुरक्षा निधि के नाम से अवैध वसूली से परेशान है। इसलिए भारतीय जनता युवा मोर्चा के बैनर तले ये विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। इस विरोध प्रदर्शन में शामिल होने शहर के सभी मंडलों से कार्यकर्ता पहुंचे हुए थे। भाजपा के संगठन पदाधिकारी व पार्षद भी बड़ी संख्या में शामिल रहे।
कांग्रेस ने क्या कहा-
बिजली बिल को लेकर भाजपा के आंदोलन को कांग्रेस ने भाजपा की नई नौटंकी बताया हैं। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि छत्तीसगढ़ में आज भी देश की सबसे सस्ती बिजली बिल मिलती है। छत्तीसगढ़ प्रदेश का एक मात्र ऐसा राज्य है, जहां 400 यूनिट तक बिजली का दाम आधा लगता है। देश भर के भाजपा शासित राज्यों यूपी, एमपी जैसे राज्यो में तो जनता को बमुश्किल 15 घंटे बिजली मिलती है।
भूपेश सरकार में 2 बार बिजली के दामों में कटौती की गई है। राज्य में घरेलू बिजली के दामों के साथ उद्योगो की भी बिजली के दामों बढ़ोत्तरी मात्र कुछ पैसो की तब की गयी थी जब मोदी सरकार ने विद्युत निर्माण कंपनी को महंगा, विदेशी कोयला उपयोग का फरमान जारी किया। रमन सरकार ने 15 साल में 14 बार बिजली के दाम बढ़ाया था। जिसमें 5 बार तो वी.सी.ए के नाम पर बिजली के दाम बढ़ाए गए थे।