बिलासपुर। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले संत कालीचरण की जमानत पर हाईकोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई की। देर शाम अदालत ने कालीचरण को जमानत दे दी। इससे पहले जस्टिस अरविंद सिंह चंदेल की कोर्ट में उनके वकील ने बहस के दौरान कहा कि किताबों में लिखी हुई बातों पर सार्वजनिक बयान देना कोई अपराध नहीं है। कालीचरण 90 दिनों से जेल में बंद है और उनकी चार्जशीट भी पेश हो चुकी है। लिहाजा, जमानत उनका अधिकार है।
सरकार की तरफ से एडिशनल एडवोकेट जनरल सुनील ओटवानी ने बहस करते हुए कहा कि महात्मा गांधी जैसे राष्ट्र पुरुष के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने के बाद भी कालीचरण को कोई पछतावा नहीं है। क्योंकि, अपने बयान देने के चार दिन बाद उन्होंने यू ट्यूब पर बयान अपलोड किया था और बोला था कि उन्हें कोई पछतावा नहीं है। ऐसे में जेल से बाहर आने के बाद वह फिर से ऐसी हरकतें कर सकता है और सांप्रदायिकता फैला सकती है। लिहाजा, उसे जमानत न दी जाए।